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शनिवार, 27 जून 2015

कहते हो प्यार करते हो (गजल)

हाथों में  तीरों का तरकश रख कहते हो प्यार करते हो।
करते हो हर रोज घाव नए कहते हो प्यार करते हो।।

रोज दिल कर देते हो छलनी जब वार करते हो।
पर अंदाज भी है क्या खूब कहते हो प्यार करते हो।।

तिरछी नजरों से देख मेरे सीने को चाक करते हो।
नीयत में मेरी जफा बताते हो  कहते हो प्यार करते हो।।

मुझसे फरेब का डर जता ढाते हो जुल्म-ओ-सितम।
बावफा नहीं बेवफा समझते हो कहते हो प्यार करते हो।।

ख्वाबों में भी देख दगा के दाग मुझे बेहाल करते हो।
दिल के टुकड़े हजार कर 'संजय' कहते हो प्यार करते हो।।



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